मेरा सुना आँचल भर दो
सुनो पिया मैंने तो बस तुमको ही चाहा
अपने दिलो जान मे तुम्ही को बसाया
फिर क्यों कर तुमको ये ख्याल आया
मेरी चाहतो पर पिया क्यों सवाल आया
याद करो वो बाते पीया ,क्या सब कुछ तुम भूल गए
रात रात भर जगना संग में लेकर हाथो में हाथ
तुमने किये थे वादे कितने ,न छोड़ोगे कभी मेरा साथ
जन्म जन्म को मांग लिया था तुमने मुझको उस रात
फिर आज पिया क्यों भूल गए
क्यों साथ मेरा तुम छोड़ गए
क्या अब दिल में मै नही तेरे
रात दिन नैना बरसे मेरे
क्यों ऐसी कसम तुमने ली, दूर मुझसे जाने की
ऐसी क्या विपदा आई ,जो जिद्द ऐसी ठानी
मेरे सारे अरमान टूटे तुम जो पिया मुझसे रूठे
जी न पाउंगी तुम बिन जल जल विरहा में मर जाउंगी
आज पिया ये वादा कर लो
मेरा सुना आँचल भर दो
कुछ नही मै चाहू तुमसे बस
कुछ पलो का संग दे दो
करुँगी तुमसे प्रेम अपार जीवन तुमको सौपा है
तेरे नाम सब कुछ पिया ,तुम बिन कोई नही मेरा
तेरे बिन मै जी लुंगी हर गम को भी सह लुंगी
पर घड़ी विदाई की जब आएगी
अंखिया दर्शन तेरा ही चाहेगी
दर्शन तेरा ही चाहेगी…..