मेरा सपना मेरा मकान
दिनांक 1/7/19
विधा – सेदोका
मेरा मकान
1
जहाँ है छत
मकान कहलाता
बरसे प्रेम रस
प्रसन्न सब
ईश्वर करे वास
आशीर्वाद सदैव
2
बुने सपने
हो मकान अपना
छोटा कच्चा पक्का
रहे खुशियाँ
ताना बाना बनता
जगह बनी दिल
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल