Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 1 min read

मेरा शहर

मेरा शहर उजड़ रहा है,
मायुसी के दौर से गुजर रहा है।
मेरा शहर. . . . . .
कभी खुशहाल हुआ करता था,
मजदूरों का ढ़ाल हुआ करता था।
आज स्वयं की रक्षा नहीं कर पाता है,
उजड़ने की भय से भरे गर्मी में कंपकपाता है।
चुपके से रो लेता है देखकर आईना,
बड़े मुश्किलों की दौर से गुजर रहा है।
मेरा शहर. . . . . .
खदानें बंद हो रही है, हाथ तंग हो रही है।
ब्यापार मंद हो रही है, बेरोजगारी की जंग हो रही है।
खण्डहर पड़ रही है मकानें, सुनी पड़ रही है दुकानें।
आशा भरी नजरों से, आशावान हो रही है।
कोई अर्जुन आयेगा, चक्रव्यूह को तोड़ पायेगा।
ऐसा स्वपन मन में उभर रहा है।
मेरा शहर. . . . . .
ये शहर अब तो, सपनों में जीता है।
समय से पहले ही, बुढ़ा दिखाई देता है।
क्या रावघाट, खदान खुल पायेगा ? जगदलपुर रेल कभी चल पायेगा ?
बिखर रहे हैं सपने, छुट रहे हैं अपने।
एक दर्द सीने में उभर रहा है।
मेरा शहर. . . . . .

1 Like · 166 Views
Books from नेताम आर सी
View all

You may also like these posts

*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
"उम्मीद की किरण" (Ray of Hope):
Dhananjay Kumar
आंसू
आंसू
Shakuntla Shaku
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
sp145 काव्य जगत के
sp145 काव्य जगत के
Manoj Shrivastava
#प्रभात_चिन्तन
#प्रभात_चिन्तन
*प्रणय*
*An Awakening*
*An Awakening*
Poonam Matia
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
बाल कविता :गर्दभ जी
बाल कविता :गर्दभ जी
Ravi Prakash
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नवचेतना
नवचेतना
संजीवनी गुप्ता
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
Dr. Kishan Karigar
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
ऐ!दर्द
ऐ!दर्द
Satish Srijan
लोगो को आपकी वही बाते अच्छी लगती है उनमें जैसे सोच विचार और
लोगो को आपकी वही बाते अच्छी लगती है उनमें जैसे सोच विचार और
Rj Anand Prajapati
शनिवार
शनिवार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
सपने जिंदगी सच
सपने जिंदगी सच
Yash Tanha Shayar Hu
धृतराष्ट्र की आत्मा
धृतराष्ट्र की आत्मा
ओनिका सेतिया 'अनु '
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
उजड़ता हुआ दिल
उजड़ता हुआ दिल
अमित कुमार
हिन्दी का मैं इश्कजादा
हिन्दी का मैं इश्कजादा
प्रेमदास वसु सुरेखा
" तेरा तोहफा"
Dr. Kishan tandon kranti
उसके बाद
उसके बाद
हिमांशु Kulshrestha
साँस-साँस में घुला जहर है।
साँस-साँस में घुला जहर है।
Poonam gupta
कितना अच्छा होता .....
कितना अच्छा होता .....
sushil sarna
परमेश्वर का प्यार
परमेश्वर का प्यार
ओंकार मिश्र
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
sudhir kumar
हर हाल में रहना सीखो मन
हर हाल में रहना सीखो मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
- धोखेबाजी का है जमाना -
- धोखेबाजी का है जमाना -
bharat gehlot
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...