मेरा वोट मेरा अधिकार
मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)
जन्मसिद्ध अधिकार है,मेरा प्रिय मतदान।
सोच समझकर दो उसे,जिसे सर्वहित ज्ञान।।
मूल्यवान मतदान है, इसका हो सम्मान।
बिना विचारे फेंक मत,कर विवेक का मान।।
इस मौलिक अधिकार को,करो न चकनाचूर।
लोक तंत्र के मूल्य का,हो प्रयोग भरपूर।।
सत्ता उसको हो सुलभ,जो सच्चा इंसान।
कभी न मत का दान कर,जो अयोग्य शैतान।।
मतदाता भगवान है,रखना पद का ख्याल।
बहकावे में मत कभी,बदलो अपनी चाल।।
राष्ट्र हितैषी सत्य को,खुश हो दो मतदान।
जिसमें नैतिकता नहीं,उसको मत पहचान।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।