मेरा लॉकडाउन अनुभव
“मेरा lokdown अनुभव
कोविड 19 का असर है ऐसा गहराया ,
हमने तुमने सबने खुद को बंद घरों मे सुरछित पाया,
शुरू-शुरू मे ये कोविड हमें समझ न आया,
बढ़ा आंकड़ा मौतौं का विश्व पर जब गहरा संकट छाया,
लगा मास्क जब चेहरों पर सेनेटाइज़र अपनाया,
बार-बार साबुन से धोकर हाथ खुद को खूब बचाया,
रोज-रोज और कभी -कभी मिलने वाले हमसे दूर हुऐ,
किटी पार्टी दोस्ती यारी सब मोबाईल मे कैद हुऐ,
नई नई कपड़े, फेश का मेकअप सब हमसे बेज़ार हुऐ,
तोड़ के हमसे रिश्ता नाता बंद अलमारी की शान हुऐ,
लगा के नंबर जब हमने किसी को कॉल किया,
कोरोना की कॉलर ट्यून ने तब हमको परेशान किया,
स्कूल की मस्ती कॉलेज की शान सब जगह पडा सुनसान,
कब खत्म होगी ये जंग लगता नहीं कुछ अनुमान ,
पहला लॉक डाउन जब लगा हमने खुद को समझाया,
बजा के घंटा, थाली, दिया जलाकर,खुद को बहलाया,
बना के व्यंजन तरह तरह के अपना हाथ आजमाते थे,
फिर भी पानीपूरी चाट कचौरी निशदिन सपने मे आते थे,
लगा जब दूसरा लॉकडाउन तो पेट से आगे बात बढ़ी,
घर मे तू –तू मै –मै की बौछार बढ़ी ,
बैठे-बैठे जब घर मे हमने अपना वज़न बढ़ाया,
रामदेव बाबा का योगा तब अपनी समझ मे आया,
आरोग्य सेतु जब डाउनलोड कर रक्षा चक्र बनाया,
काढ़ा पीकर रोज़ –रोज़, अपना इम्यून सिस्टम बढ़ाया,
कर ली तूने अपनी मनमानी बेशर्म कोरोना ,
अब हमको तू रास ना आया ,
मान जा है विनम्र निवेदन, वरना अब तो तेरी बारी है,
तू अब ये जंग खत्म कर,कर ली हमने पूरी तैयारी है !!!