” मेरा रत्न “
” मेरा रत्न ”
झोली में ढेर सारी खुशियां देदी
जीवन जीने का मकसद बताया
तूने बदली जिंदगानी मेरी राज
तूं पूनिया का अनमोल रत्न है,
रोने नहीं देता कभी भी मुझको
गले लगाकर मेरे सारे दुख हरता
डांटता नहीं हमेशा समझता मुझे
हम तो अपनी ही धुन में मग्न हैं,
जो चाहा वो इच्छा पूरी की मेरी
हार का सामना नहीं करने दिया
पत्नी बनकर तेरी गर्व है मीनू को
हमें बस लक्ष्य पाने की लगन है,
मेरी सोच से परे प्यार दिया तूने
लड़खड़ाते कदमों का सहारा तूं
मेरी उम्र भी जोड़ दे रब तेरे साथ
तूं ही मेरा शोध तूं ही मेरा मनन है।