मेरा यार
ख्वाब आँखों को फिर से नया दे गया।
आने-जाने का वो सिलसिला दे गया।
मैंने सोचा था वो मुझको देगा दवा,
मेरे ज़ख्मों को फिर से हवा दे गया।
– रमाकान्त चौधरी
ख्वाब आँखों को फिर से नया दे गया।
आने-जाने का वो सिलसिला दे गया।
मैंने सोचा था वो मुझको देगा दवा,
मेरे ज़ख्मों को फिर से हवा दे गया।
– रमाकान्त चौधरी