मेरा भारत ऐसा हो
एक गाँव मे दो आदमी रहते थे।एक का नाम था गरीबदास और दूसरे का नाम था अमीर दास,दोनो एक दूसरे के विलोम थे ।दोनो मे बहुत ही प्यार था वह हर काम करने मे तत्पर रहते थे अमीर दास वहुत ही गरीब था लेकिन वह दिल से पूरे गाँव की सेवा करता और गायो को चराता ओर जो कुछ मिलता उसमे पेट पालता ।परंतु गरीब दास धनवान था वह गाँव मे कुआ बाबरी विजली पानी मंदिर आदि का निर्माण करता उन दोनो का बस एक ही सपना था कि हमारा गाँव व देश मे सभी एक साथ हिंदु मस्लिम सिख ईसाई मिलजुल कर रहे और चहुऔर शांति उन्नति हो विकसित हो नई नई शिक्षा की पद्धति हो
कृष्णकांत गुर्जर धनौरा