मेरा भाई
पिता की तरह हमें समझाते ,
दोस्त की तरह वे करते बातें,
माँ की तरह वे रखते ध्यान,
हर बहन के शान है भाई ।
हर मुश्किल में रहते है साथ,
कहीं भी रहते अनुशासन के साथ,
फिर भी बहनों से खींचते रहते हाथ ,
मात-पिता का अभिमान है भाई ।
सत्य से न तू कभी डगमगाना,
सत्य के पीछे ही है सारा जमाना,
सत्य ही है एक अमूल्य खजाना,
इसी खजाने की पहचान है भाई ।
रखना न कभी वैर किसी से,
सूदा पढ़ाते कुटुंब का पाठ ,
चाहे कितना भी झगड़ते हो ,
ईश्वर का अवतार है भाई ।
बचपन से हम साथ रहे हैं ,
बांटते परस्पर हर दुख रहे है,
कभी न आवे तुझपर संकट ,
बहन की यही पुकार है भाई ।
चार खिलौने देकर हमें ,खुद ही खेले एक से,
हमें हमेशा छाँव देकर,खुद ही जले धूप से,
खुद की चिंता न करके, कहने मुझे रहना ध्यान से ,
चाहे भाई जैसा भी है, राखी का त्योहार है भाई।
द्वारा-खुशबू खातून