मेरा बेटा
मेरा बेटा सबसे न्यारा,
मेरी आंखों का वो तारा।
उसकी प्यारी सी बातों में,
बहती है अमृत की धारा।
उम्र में तो अभी है छोटा,
बांटे ज्ञान वो बहुत सारा।
उसके वैज्ञानिक तर्कों से,
नतमस्तक परिवार हमारा।
अंतर्मन की भावनाओं को,
उसने अपने लेखन में उतारा।
जब करता है मस्ती घर में,
लगता बहुत मासूम और प्यारा।
उन्नति-उत्कर्ष ने जीवन में,
खोला खुशियों का पिटारा।
ईश्वर की मेहर बनी रहे सदा,
उनके जीवन में फैले उजियारा।
By: Dr. Swati Gupta