मेरा बाप
मेरे चेहरे पर हंसी के लिए
कोई अपने आंसू छुपा लेता है
बड़ा खुद्दार है वो, मुझे खुद तो डांट देता है
पर मेरे लिए ,हर डांटने वाले से लड़ जाता है
जेब पूरी खाली हो तब भी वह चांद लाने को तैयार है
मेरा बाप ,मेरा पहला प्यार है
जिसकी उंगली पकड़ने से सहारा मिल जाता है
कोई हाथ क्या देगा मुझे
जब मेरे बाप कीआंखों में स्वर्ग का नजारा मिल जाता है
जिस देश में मैं जन्मी हूं, 33 करोड़ देवी देवता है
किसी को नहीं देखा मैंने, किसी का न कोई पता है
मेरे बाप में ही हर भगवान देखा मैंने, वही मेरे देवता है
-अंकिता पटेल
सीतापुर, उत्तर प्रदेश