मेरा प्रेम अटल है
तन मेरा हरिद्वार सरीखा, दिल में गंगाजल है,
होंठों पर अमृतधारा सा, निश्छल प्रेम अटल है।
सुंदरवन की परियां भी, ना मुझे लुभा सकती हैं,
मेरे घर में चलता-फिरता, जिंदा ताजमहल है।।
-विपिन शर्मा
तन मेरा हरिद्वार सरीखा, दिल में गंगाजल है,
होंठों पर अमृतधारा सा, निश्छल प्रेम अटल है।
सुंदरवन की परियां भी, ना मुझे लुभा सकती हैं,
मेरे घर में चलता-फिरता, जिंदा ताजमहल है।।
-विपिन शर्मा