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29 Jun 2023 · 1 min read

मेरा नसीब

तुम मुझे छोड़कर चले जाओगे
जानता हूं वापिस लौटकर नहीं आओगे
जब लिखा है यही नसीब में मेरे
फिर तुम मेरी ज़िंदगी में क्यों आओगे

काश वो दिन न ही आए
जब तू मेरे सामने आ जाए
खो न जाए ये दीवाना तेरी आंखों में
बेचारा, बेवजह मारा न जाए

जानता हूं नशा तेरे इश्क़ का
चढ़ेगा तो फिर उतरेगा नहीं
रोग लगाकर इश्क़ का मुझको
तू फिर नज़र आएगा नहीं

समझा ले हे प्रभु! मेरे दिल को
वरना बहुत रोएगा ये ज़िंदगीभर
देखकर चंद पलों का ख़्वाब
तरसेगा वो उसे पाने को जिंदगीभर

माना आसान नहीं है
दीवानों को समझाना
मेरे प्रभु! तुझे तो आता है
हर किसी को बहलाना।

7 Likes · 1 Comment · 2420 Views
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