Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2023 · 1 min read

#मेरा धन केवल पागल मन

★ #मेरा धन केवल पागल मन ★

सावन बीता फिर बीते सावन
पथ पर जुड़े रहे दो नयन

कर्म सुकर्म और श्रवण कथन
सब समय की आँखों का अंजन

कपाट खुले खुले नहीं वातायन
ठिठका सहमा घर का आंगन

अमरलता-पीपल चिर से कथायजन
आश्रय अंतिम मेरा उनका वचन

मदिर मधुर हुई जीवनचुभन
आस उदास शीत वियोगतपन

धनिकों के निष्क रौप्य रतन
मेरा धन केवल पागल मन

निष्क्रय में दे दूं मैं जीवन
मिल जाए यदि बिकता प्रीतम

लगन संग आन जुड़ी जो लगन
सज गई धरती ठगती दुल्हन

आदिसत्य अखंडित कवि अधुनातन
कण-कण जीवन और शेषशयन

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
140 Views

You may also like these posts

!!  श्री गणेशाय् नम्ः  !!
!! श्री गणेशाय् नम्ः !!
Lokesh Sharma
एक प्रार्थना
एक प्रार्थना
Bindesh kumar jha
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रंजीत कुमार शुक्ला - हाजीपुर
रंजीत कुमार शुक्ला - हाजीपुर
हाजीपुर
मृत्यु के बाद.
मृत्यु के बाद.
Heera S
पूजा-स्थलों की तोडफोड और साहित्य में मिलावट की शुरुआत बौद्धकाल में (Demolition of places of worship and adulteration in literature began during the Buddhist period.)
पूजा-स्थलों की तोडफोड और साहित्य में मिलावट की शुरुआत बौद्धकाल में (Demolition of places of worship and adulteration in literature began during the Buddhist period.)
Acharya Shilak Ram
CV रमन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस।
CV रमन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस।
Rj Anand Prajapati
"ऑस्कर और रेजिस"
Dr. Kishan tandon kranti
दूरियों के क्या मायने
दूरियों के क्या मायने
Sudhir srivastava
समझ
समझ
Shyam Sundar Subramanian
स्कंदमाता
स्कंदमाता
मधुसूदन गौतम
*नींद आँखों में  ख़ास आती नहीं*
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मिट्टी में मिल जाना है
मिट्टी में मिल जाना है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3386⚘ *पूर्णिका* ⚘
3386⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
किताबें
किताबें
Meera Thakur
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
पंकज परिंदा
मन मौजी मन की करे,
मन मौजी मन की करे,
sushil sarna
मेरी प्रेरणा
मेरी प्रेरणा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अगर सोच मक्कार
अगर सोच मक्कार
RAMESH SHARMA
आज हमारी बातें भले कानों में ना रेंगे !
आज हमारी बातें भले कानों में ना रेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
उधेड़-बुन
उधेड़-बुन
surenderpal vaidya
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
कुम्भाभिषेकम्
कुम्भाभिषेकम्
मनोज कर्ण
जो मिला ही नहीं
जो मिला ही नहीं
Dr. Rajeev Jain
मेरे कॉलेज की वह लड़की
मेरे कॉलेज की वह लड़की
डॉ. एकान्त नेगी
निगाहों से पूछो
निगाहों से पूछो
Surinder blackpen
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
self doubt.
self doubt.
पूर्वार्थ
*भर दो गणपति देवता, हम में बुद्धि विवेक (कुंडलिया)*
*भर दो गणपति देवता, हम में बुद्धि विवेक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...