मेरा देश पर दोहे
मेरा देश पर पाँच दोहे
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प्रेम रंग में है रंगा ,अनुपम मेरा देश।
दुनिया को देता यही,प्रेम भरा संदेश।।
वीरों की पावन धरा , मेरा देश महान।
सब करते नित प्रेम से,ईश्वर का गुणगान।।
दूर जहाँ रहता सखा,मन से कपट कलेश।
प्रेम सदा ही बाँटता , भारत मेरा देश।।
ऐसा मेरा देश है , तृप्त करे जो आत्म।
ऋषियों मुनियों ने जहाँ,दिया पूण्य अध्यात्म।।
सुरभित मेरा देश है,सत्य धरम की रीति।
तभी रहे मनभाव में,सहज सरल सब प्रीति।।
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रचनाकार – डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
पिपरभावना, बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822