मेरा दीवाना
2122 1122 1122 22
मेरा दीवाना
इतना करता है मुझे प्यार दिवाना मेरा।
पर करे मुझसे न इजहार मेरा दीवाना।।
दिल दिया मुझको तो जलने लगी दुनिया सारी ।
फिर भी रहता न खबरदार मेरा दीवाना।।
इक सिवा प्यार के कोई न खता की उसने।
दिल का मुल्जिम न गुनहगार मेरा दीवाना ।।
चुभ न जायें मुझे पैरों में ये जो काँटे हैं।
अपने हाथों से चुने खार मेरा दीवाना ।।
मेरे दीदार की हसरत में चला आता है।
इक झलक का है तलबगार मेरा दीवाना ।।
प्रेम से मेरी इबादत करे रब से ज्यादा।
करता कुछ भी नही दरकार मेरा दीवाना ।।
उसकी आँखों मे तो छवि मेरी नज़र आती है।
अब तो करले कभी इकरार मेरा दीवाना ।।
✍? श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव साईंखेड़ा