मेरा दिल यूँ तड़पता तेरे लिए
मेरा दिल यूँ तड़पता तेरे लिए,
बिन जल तड़पे मछली की तरह ।
मेरी रातें यूँ गुजरीं आहों में,
गुजरा हो एक पल सालों की तरह ।।
पल-पल मुझको आती है याद तेरी,
ऐ हमदम मुझे बदनाम न कर ।
बेइंतहा मुहब्बत है तुझसे सनम,
उस प्यार को तू नीलाम न कर ।।
दिन-रात कभी होती बातें,
उन बातों का अहसास तू कर ।
तूने ही सिखाया जीना मुझे,
तू मुझको अब बरबाद न कर ।।
उल्फ़त में गुजरी थी अब तक,
मुस्कान मेरी बेज़ान न कर,
दोराहे पे मुझको छोड़के तू,
मेरी शौहरत से खिलवाड़ न कर ।।
अब तो चेहरा मेरा भी तुझको नागवार है,
इतनी नफ़रत सनम मुझसे ऐसे न कर ।
दुनियाँ ज़ालिम मुझे अब न जीने देगी,
ग़ैरों की तरह मुझसे “आघात” न कर ।।