मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
हँसते -मुस्कुराते चेहरों के
कई टूटे दिल, कई टूटे सपने,
होंठो पर लफ्ज़ है रुके हुए
आँखों में आँसू थमे हुए,
ये चंचल मन क्यूँ बिखर गया
ये कठोर तन क्यूँ दुबक गया,
अकेले खुद से बातें करें
कोई संग चला, ना साथ मिला,
ये ख़ामोशी की विडम्बना
एक शब्द मिला ना किस्सा मिला,
अब लोगो से क्या करें शिकायत,
सबके पैरों में छाले पड़े,
कोई देख – देख के घात करें
कोई हँस के सौ – सौ बात करें,
कोई बिना कहे अभिमान करें
कोई सोच -सोच के ज्ञान धरे,
ये दुनिया के अंजुमन में आकर
दिल कांच-का टूटता चला,
कुछ अपने गए हमें छोड़कर,
कुछ अपना उन संग चला गया,
मन कहता है अब कुछ ना करें,
दिल मेरा सच में पसीज़ गया,
ज़िम्मेदारी सिर पर बढ़ती चली
मैं एक पल में खुद से बिछड़ चला,
कोई करीब होकर भी रूठ गया
कोई कोसों दूर से भी करीब रहा,
कोई तोड़कर भरोसा हँसता रहा,
कोई खुद टूटकर मुझको जोड़ता गया,
मुझको दुनिया से मोह नहीं,
क्या मुझमे रहा, क्या मेरा रहा,
दुनिया के दुःख -दर्द देख कर,
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
❤️Love Ravi❤️