मेरा तेरा जो प्यार है किसको खबर है आज तक।
गज़ल
(कठिन बहरों में से एक बहर, पर एक कोशिश)
2112/1212/2112/1212
मेरा तेरा जो प्यार है किसको खबर है आज तक।
दुनियां न जान पाई इक राहे गुजर है आज तक।
हुस्न तेरा गुलाब सा, बनके भ्रमर मैं घूमता,
यार तुझे पता नहीं मेरी नज़र है आज तक।
जो मलिका ए हुस्न है खोजती वो ही हुस्न को,
खुद भी तुझे पता नहीं रश्क ए कमर है आज तक।
पेड़ हैं सब तरह के जो रब ने दिए जहान में,
जड़ के बिना हरा रहे नहीं वो शज़र है आज तक।
मिलने को मिल के खुश भी हैं प्रेमी करें तो क्या करें,
हो के जुदा जिएं कहां उनको ये डर है आज तक।
……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी