मेरा तुझसे ये रिश्ता कैसा हुजूर ।
मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर ।
दिल को तेरे सिवा कोई ना मंजूर।
एक तेरी चाहत, तुझसे आशिकी
भला इसमें मेरा , क्या हैं कुसूर
मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता , कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा , कोई ना मंजूर
रहता हूं दूर मगर तेरे करीब हूं
तू नही तो इस दिल से गरीब हूं
ढूंढती नजर हर तरफ तेरे निशान
छाया हैं हर जगह , तेरा सुरूर
मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा , कोई ना मंजूर
लगता नही दिल , तेरे बगैर कही
तू जहां मेरी , दुनिया हैं वहीं
लेती हैं धड़कन हर दम तेरा ही नाम
बता तेरे इश्क का , यह कैसा दस्तूर
मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा कोई ना मंजूर
मेरा प्यार तुझसे , तुझसे हर बात है
मेरा जीना जीना , तू अगर साथ हैं
एक तेरा साथ , एक तेरा हाथ
मांगू खुदा से , हर दुआ में जरूर
मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा कोई ना मंजूर