Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2024 · 1 min read

मेरा जीने का तरीका

मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका है ये,हमसे जो प्यार करेगा,
उसे दुगना प्यार देंगे।
पर जो एक कदम अदब में दूर होगा,हम दस कदम दूर हो जाएंगे।
हम किसी का दिल नहीं दुखाएंगे,पर खुद का अपमान भी नहीं सहेंगे।
हम इज्जत से जीना चाहते हैं,और इज्जत से ही मरना चाहते हैं।
हम किसी के आगे झुकेंगे नहीं,और किसी को झुकाएंगे भी नहीं।
हम अपने हक के लिए लड़ेंगे,और दूसरों के हक का भी सम्मान करेंगे।
हम सच बोलेंगे,और सच के लिए लड़ेंगे।
हम अच्छाई का साथ देंगे,और बुराई का विरोध करेंगे।
यही है मेरा जीने का तरीका,और इसी तरीके से मैं अपना जीवन जीऊंगा।

1 Like · 118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होता नहीं कम काम
होता नहीं कम काम
जगदीश लववंशी
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
एकाकार
एकाकार
Shashi Mahajan
"एक शेर"
Dr. Kishan tandon kranti
*तुम अगर साथ होते*
*तुम अगर साथ होते*
Shashi kala vyas
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
घटा सुन्दर
घटा सुन्दर
surenderpal vaidya
3236.*पूर्णिका*
3236.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मतलबी नहीं हूँ
मतलबी नहीं हूँ
हिमांशु Kulshrestha
गरीबी
गरीबी
Neeraj Agarwal
काव्य
काव्य
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
Sanjay ' शून्य'
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
Neelam Sharma
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
Ajit Kumar "Karn"
ये आसमा में जितने तारे हैं
ये आसमा में जितने तारे हैं
कवि दीपक बवेजा
गुमनाम
गुमनाम
Santosh Shrivastava
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
लेखनी चलती रही
लेखनी चलती रही
Rashmi Sanjay
गुफ्तगू करना चाहो तो
गुफ्तगू करना चाहो तो
Chitra Bisht
🧟‍♂️मुक्तक🧟‍♂️
🧟‍♂️मुक्तक🧟‍♂️
*प्रणय*
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
Sunita
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
Pankaj Kushwaha
*वही निर्धन कहाता है, मनुज जो स्वास्थ्य खोता है (मुक्तक)*
*वही निर्धन कहाता है, मनुज जो स्वास्थ्य खोता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
जिद बापू की
जिद बापू की
Ghanshyam Poddar
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
Manoj Mahato
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
ओनिका सेतिया 'अनु '
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
Loading...