“मेरा गुनाह”
मेरा गुनाह क्या है,
??आखिर मेरा गुनाह क्या है,
एक बार मेरे सामने आकर कहतो दे।
??मैं अपना अस्तित्व मिटा दुगी तेरी ख़ुशी के लिए,
तू झूठा ही सही पर इक बार मुस्कुरा तो दे।
मेरा गुनाह क्या है,
??आखिर मेरा गुनाह क्या है,
एक बार मेरे सामने आकर कहतो दे।
??मैं अपना अस्तित्व मिटा दुगी तेरी ख़ुशी के लिए,
तू झूठा ही सही पर इक बार मुस्कुरा तो दे।