Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2022 · 1 min read

मेरा उन्हें नसीब

ऐसे कैसे मान लूं, …मेरा उन्हें नसीब ।
बैठे हैं वो साथ में, लेकिन नहीं करीब।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 140 Views

You may also like these posts

सबसे ख़तरनाक होता हैं सपनो का मर जाना।।🏐
सबसे ख़तरनाक होता हैं सपनो का मर जाना।।🏐
पूर्वार्थ
संविधान के पहरेदार
संविधान के पहरेदार
Shekhar Chandra Mitra
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
रोता हुआ जंगल
रोता हुआ जंगल
Rambali Mishra
पिता का साया
पिता का साया
Neeraj Agarwal
"लम्हा इंतजार का"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
Pramila sultan
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
Neelofar Khan
मानसून
मानसून
Dr Archana Gupta
वादी ए भोपाल हूं
वादी ए भोपाल हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
हम हंसना भूल गए हैं (कविता)
हम हंसना भूल गए हैं (कविता)
Indu Singh
मैं कुछ नहीं चाहती
मैं कुछ नहीं चाहती
Jyoti Roshni
तेज धूप में वो जैसे पेड़ की शीतल छाँव है,
तेज धूप में वो जैसे पेड़ की शीतल छाँव है,
Ranjeet kumar patre
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बहन भी अधिकारिणी।
बहन भी अधिकारिणी।
Priya princess panwar
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Dr.Priya Soni Khare
🥰🥰🥰
🥰🥰🥰
शेखर सिंह
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मोह की मिट्टी ----
मोह की मिट्टी ----
Shally Vij
पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
Sudhir srivastava
*ऋषि दयानंद युग-पुरुष हुए, उनको हम शीश झुकाते हैं (राधेश्याम
*ऋषि दयानंद युग-पुरुष हुए, उनको हम शीश झुकाते हैं (राधेश्याम
Ravi Prakash
HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HIT CLUB
23/77.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/77.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरा हासिल
तेरा हासिल
Dr fauzia Naseem shad
ये कैसी आज़ादी
ये कैसी आज़ादी
Rekha Drolia
..
..
*प्रणय*
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
पंकज परिंदा
Loading...