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22 Jul 2022 · 1 min read

मेघ यहाँ अब आए हुए हैं

देख घटा घनघोर लगे जस इंद्र भी अब मुस्काए हुए हैं,
चमक रही है आज बिजुरिया, मोर मगन अकुलाए हुए हैं।
नीर की चाह में नैन हैं बरसे, नीर बिना मुरझाए हुए हैं,
पीपल पात सरस मन डोले, मेघ यहाँ अब आए हुए हैं।
✍️जटाशंकर”जटा”
22/07/2022

Language: Hindi
420 Views

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