मेघ दूत आला
सावन, आवन की
पाती ले
मेघदूत निकला
दिशा- दिशा
आतुर और
द्वार- द्वार विकला
अंबर भी स्वागत
का थाल सजा बैठा
दिग- दिगंत
नेओढ़ा
रगीं दुशाला
स्वागत को
निकल पड़ी
कमसिन
तड़ित बाला
मृदंगम पर
थाप ,कभी
गीत गरजवाला
बूंदों की झांझर
पहन झूमेंगीं लताएं
झूला भी
सजेगा जी
इंद्र धनुष वाला
आवन को सावन है
मेघदूत आला।।