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विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
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2 Feb 2024 · 1 min read
मेखला धार
चंचल चपला चमक रही,
बीच मेघ बन नार।
धरा बावरी झूमती,
देख मेखला धार।
Competition:
Poetry Writing Challenge-2
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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