में हूं हिन्दुस्तान
में हूँ हिन्दुस्तान
में हूँ हूिन्दुस्तान
हर मज़हब के लोग यहाँ
में इस लिए महान
पहले लूटा गैरों ने
अब लूट रहे हैं अपने
मुफलिस के भी ये यहाँ
बेच रहे हैं सपने
मेरी गोद में रह कर
ये ऐसे गुल खिलाये
इनको शर्म ना आए
शैतान भी शर्मा जाये
कई गुनाह नही करते
माँ के सामने अपनी
ऊपर मेरी ज़मीं के
सारे गुनाह कर जाये
और उसको फिर मां कहें
मैं बहुत हैरान
मैं हूं हिन्दुस्तान
में हूं हिन्दुस्तान
मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे
मेरी गोद में हैं सारे
जब भेद नहीं में रखता हूं
तुम क्यों रखते हो प्यारे
ज़ात धर्म पर करते हो
कितना यहां बखेड़ा है
अब तो ऐसा लगता है
हर कोई मेरा लुटेरा है
तुम सब लेकर बैठे हो
यहां अपने अपने धर्मों को
क्या मुझसे भी पूछा है
यहां धर्म क्या तेरा है
कोई कहता में सिख हूं
कोई हिन्दू मुसलमान
में हूं हिन्दुस्तान
में हूं हिन्दुस्तान
हर मज़हब के लोग यहां
में इस लिए महान