में दिखाऊंगा जब हुनर अपना
में दिखाऊंगा जब हुनर अपना
खुद बुलंदी पे होगा सर अपना
रास्ता जितना पुरखतर अपना
होसला उतना मोअतबर अपना
ख़ोफ इतना भी उसको मत दिखला
फोड़ले ना कहीं वो सर अपना
मौत का डर भी अब तो जाता रहा
जब से तलवार पर है सर अपना
रहनुमाई मिरी यह करता है
तेरा साया है हमसफ़र अपना
पीठ पर वार फिर ये किसने किया
कोई आया नहीं नज़र अपना
कोई बुज़दिल समझ के रक्खा है
क्यों रखूं ओखली में सर अपना
होगा ज़ाद ए सफर अगर आतिफ़
होगा आसान हर सफर अपना
इरशाद आतिफ़ अहमदाबाद
9173421920