मृत्यु सत्य समझ, संवर गया l
मृत्यु सत्य समझ, संवर गया l
हर एक डर, फिर है डर गया ll
झूठ झंझटों से, झगड़ झगड़ l
बिलखा और सहज बिखर गया ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न
मृत्यु सत्य समझ, संवर गया l
हर एक डर, फिर है डर गया ll
झूठ झंझटों से, झगड़ झगड़ l
बिलखा और सहज बिखर गया ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न