मृत्यु भोज बंद हो!
मृत्यु भोज हमारे समाज का एक कलंक है। जिसके घर किसी की मृत्यु हुई है उससे दान-दक्षिणा के नाम पर ब्लैक मेल करना शर्मनाक है। ऐसे हरामखोरों को पालने वाले लोग बेवकूफ़ हैं। उन्हें नहीं मालूम कि वे हमारे देश का कितना बड़ा नुक़सान कर रहे हैं। हमें अंतिम संस्कार और मृत्यु भोज के नाम पर किए जाने वाले पाखंडों का पूरी तरह से बहिष्कार करना चाहिए। कर्मकांडों के जाल से बाहर निकलिए। जो मर गया वह तो मर ही गया। जो ज़िंदा है उसकी चिंता कीजिए। आप जो पैसा कुछ निकम्मे और धूर्त लोगों पर लुटाने वाले हैं उसी पैसे को अपने और अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए ख़र्च कीजिए। अगर आप मृत व्यक्ति की याद में कुछ करना ही चाहते हैं तो कुछ पौधे रोप दीजिए। फिर उनमें लगे हुए फलों को ख़ुद भी खाइए और दूसरों को भी खिलाइए। इसके अलावा अपने और दूसरों के उपयोग के लिए कुछ अच्छी किताबें भी ख़रीदी जा सकती हैं।
Shekhar Chandra Mitra