मृत्यु डराती पल – पल
मृत्यु डराती पल- पल
हे अमर जीवन (ईश्वर से )
गुजर जाय ,
ये विध्वंसक पल
संभल जाए फिर से जीवन।
छा जाए आनंद
कोरोना का विकराल रूप
देख चुका व्यक्ति ।
चाहे वो बॉयलाजिकल वार हो,
या गंदी मानसिकता का ख्याल हो।
हे अमर जीवन
सम्हल जाए फिर से जीवन
छा जाए फिर से आनंद।
निडरता का दे वरदान ।
करें हम सब जीवन का सम्मान_ डॉ.सीमा कुमारी, बिहार
। भागलपुर, दिनांक-20-2-022की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।