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19 Oct 2024 · 1 min read

-: मृत्यु का दर्पण :-

मृत्यु का दर्पण देखोगे?
ले देख खड़ा हूँ समक्ष तेरे
मै,तेरी मृत्यु का दर्पण

काल का मुख देखोगे?
ले देख भवानी सजी हाथ मे
रक्त चाटने को आतुर

महा विनाश को देखोगे?
तो देख भयंकर आँखे मेरी
महाविनाश करने को आतुर

अनुप्रिया को पाकर तूने
अपनी मृत्यु को नौता है
अनुप्रिया के लिए बस
तू केवल समझोता है

-पर्वत सिंह राजपूत
काव्यखंड ‘अनुप्रिया ‘

Language: Hindi
17 Views
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