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19 Aug 2020 · 1 min read

मृतात्मा

अब
नहीं
होता
आहत
चिंतित
व्यथित,
बिचलीत
आतंकित
आशंकित
अचंभित
या किसी भी
कारण से क्रोधित।
क्योंकि अब हो गया हूँ
मैं जीत जागता महात्मा
जैसे कोई मृतात्मा।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 430 Views
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