Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2023 · 2 min read

मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?

मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
***************************
आज जिस तीव्रता के साथ हमारे नैतिक व सामाजिक मूल्यों में गिरावट आ रही है, वह वास्तव में चिंता का विषय है, रिश्तों को कलंकित करती समाज में दिन प्रतिदिन बढ़ती घटनाएं हमारे समाज में अमर्यादित रिश्तों में वृद्धि को व्यक्त करती है, ऐसे अवैध रिश्ते, रिश्तों की मर्यादा को, उसकी गरिमा को ही नहीं बल्कि रिश्तों पर हमारी विश्वास की भावना को भी आहत करते हैं।
आज आये दिन ऐसी घटनाएं समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी होती है जिनको पड़ कर सिर शर्म से झुक जाता है, कहीं सगा मामा भांजी के साथ शादी कर आत्महत्या कर लेता है तो कहीं पिता अपनी पुत्री का यौन शोषण कर रहा है तो कहीं पति अपनी पत्नी को बेच रहा है, ऐसे असंख्य उदाहरण हैं जो रिश्तों की पवित्रता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं, ऐसे अमर्यादित रिश्ते जिनका हमारे सभ्य समाज में कोई अस्तित्व नहीं है लेकिन फिर भी वह समाज में धीरे धीरे अपनी जड़े फैलाते जा रहे हैं वह गंभीर चिंतन और मनन का विषय है ।
वास्तव में जब हमारे समाज के नियमों और नैतिक मूल्यों को कुछ दूषित और विकृत मानसिकता रखने वाले लोगों द्वारा तोड़ा जाता है, तब इस प्रकार की घटनाएं हमारे समक्ष उपस्थित होती है, लेकिन हम समाज में रिश्तों की ऐसी दूषित उपज को कुछ लोगों की विकृत मानसिकता का नाम देकर पल्ला नहीं झाड़ सकते, इस समस्या की उत्पत्ति के भी असंख्य कारण हो सकते हैं जैसे कि हमारी तेज़ रफ्तार जीवन शैली, समय का आभाव, आपसी रिश्तों में संवेदनहीनता, संयुक्त परिवारों का विघटन, अश्लील साहित्य, इंटरनेट पर सहजता से उपलब्ध पोर्न साइडे, टीवी, छोटे घर, आदि कारणों के साथ हमारे परिवार के बड़ो दूारा बच्चों को रिश्तों का महत्व न समझाया जाना, खुल कर संवाद स्थापित न करना आदि भी अमर्यादित रिश्तों की समस्या को उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
समाज में ऐसे रिश्तों का अस्तित्व न हो इसके लिए रिश्तों की मर्यादाओं का पूरा ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, वहीं हमें हमारे परिवार में अपने बच्चों को संस्कारी बनाने के साथ रिश्तों का सम्मान करना भी सिखाना होगा, बच्चों से खुलकर हर विषय पर वार्तालाप करना होगा वहीं सैक्स से संबंधित प्रश्नों का शालीनता के दायरे में तार्किक उत्तर देना होगा न कि भ्रमित कर के उसकी जिज्ञासाओं को बढ़ावा प्रदान करना किसी भी दृष्टि कोण से उचित नहीं होगा, बच्चें अपने माता पिता का आईना होते हैं इसलिए आपका कर्तव्य बनता है कि उनके समक्ष कभी भी अमर्यादित वार्तालाप या व्यवहार न करें, जिसका उनके कोमल मन मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़े, क्योंकि समाज बनता तो हम से ही है ।

. ..डॉ फौज़िया नसीम शाद ….

Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 2 Comments · 357 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

ममता का सागर
ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
राष्ट्र भक्ति
राष्ट्र भक्ति
surenderpal vaidya
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
4576.*पूर्णिका*
4576.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
Keshav kishor Kumar
चिंतन
चिंतन
Dr.Pratibha Prakash
निशब्द
निशब्द
NAVNEET SINGH
"जो इंसान कहलाने लायक नहीं,
पूर्वार्थ
क्या बात करें
क्या बात करें
Vivek Pandey
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
Shweta Soni
मैं फकीर ही सही हूं
मैं फकीर ही सही हूं
Umender kumar
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कोई तंकीद कर नहीं पाते ,
कोई तंकीद कर नहीं पाते ,
Dr fauzia Naseem shad
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
नारा है या चेतावनी
नारा है या चेतावनी
Dr. Kishan tandon kranti
सबक
सबक
manjula chauhan
सफल लोगों की अच्छी आदतें
सफल लोगों की अच्छी आदतें
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
‘पथ भ्रष्ट कवि'
‘पथ भ्रष्ट कवि'
Mukta Rashmi
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है।
Neelam Sharma
Bundeli Doha pratiyogita 142
Bundeli Doha pratiyogita 142
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बहुत दागी यहाँ पर हैं
बहुत दागी यहाँ पर हैं
आकाश महेशपुरी
नींद
नींद
Diwakar Mahto
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
Nilesh Premyogi
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...