Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2023 · 1 min read

*मूलांक*

डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त
मूलांक
बरसती बारिश रात की
लरजती छाती हर बात पर
सहमा – सहमा सा मौसम
अनदेखी अनकही मुलाकात थी
वो घबराई सी सिमटी थी
मैं चंचल मस्त भंवर सा शरारती
फिर ऊपर से कड़कना बिजली का
जैसे टूटा कहीं पहाड़ सा

न वो बोली न मैं बोला
बेहद चुप्पी थी सालती
फिर आई मुसीबत सामने
जल का स्तर था लगा बढ़ने
चहुं और विकट अधियारा था
हाँथ को हाँथ भी अनजाना था
वो अबला नारी वक्त से हारी
मजबूरी में आकर पास मेरे यूं बोली
कुछ कीजिए ऐसे तो हम डूब जाएंगे
नाहक अपनी जान गवायेंगे
यक दम मेरा पुरुषत्व जगा
मैं बोला मत घबराएँ आप
मदद मिलेगी हमको
थोड़ा सा धैर्य कीजिए आप
मोबाईल निकाला तब मैंने
लेकिन वो भी गीला था
फिर हिम्मत करके मैंने उसको
पास के पेड़ पर चड़ा दिया
साथ साथ खुद को भी
पास की डाल पर बैठा दिया

फिर सुबह कटी जैसे तैसे
मदद मिली हम अपने अपने घर पहुंचे
ये वाकया मेरे जीवन में सच – सच गुजरा

Language: Hindi
1 Like · 211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
BJ88 - Nhà cái
BJ88 - Nhà cái
BJ88 - Nhà cái
*वो जो दिल के पास है*
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2800. *पूर्णिका*
2800. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
""बहुत दिनों से दूर थे तुमसे _
Rajesh vyas
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुहब्बत
मुहब्बत
Dr. Upasana Pandey
*आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया (राधेश्यामी छंद
*आया पतझड़ तो मत मानो, यह पेड़ समूचा चला गया (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया
दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया
Monika Arora
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
हंसी आयी है लबों पर।
हंसी आयी है लबों पर।
Taj Mohammad
सास बहू..…. एक सोच
सास बहू..…. एक सोच
Neeraj Agarwal
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
Lokesh Sharma
तेरी याद
तेरी याद
Shyam Sundar Subramanian
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
शेखर सिंह
कभी अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर ,
कभी अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
चुप रहना भी तो एक हल है।
चुप रहना भी तो एक हल है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चाल चलें अब मित्र से,
चाल चलें अब मित्र से,
sushil sarna
मुक्ति
मुक्ति
Amrita Shukla
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
Sanjay ' शून्य'
हम हमेशा साथ रहेंगे
हम हमेशा साथ रहेंगे
Lovi Mishra
ग़ज़ल _ कहाँ है वोह शायर, जो हदों में ही जकड़ जाये !
ग़ज़ल _ कहाँ है वोह शायर, जो हदों में ही जकड़ जाये !
Neelofar Khan
बड़ा इंसान वो है।
बड़ा इंसान वो है।
Ranjeet kumar patre
दिल धड़क उठा
दिल धड़क उठा
अमित
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
तुमको  खोया  नहीं गया हमसे।
तुमको खोया नहीं गया हमसे।
Dr fauzia Naseem shad
चिराग तुम वह जलाओ
चिराग तुम वह जलाओ
gurudeenverma198
" सूत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Seema Garg
Loading...