मूर्ख दिवस
? ? ? ?
रहना सब हर हाल में, ठंडा-ठंडा कूल।
आने वाला जल्द ही , अप्रिल वाला फूल।।१
मार्च माह के बाद में, आता है अप्रैल।
मूर्ख भरी हर बात से, धोता दिल का मैल।। २
चलो खुराफाती करें, मूर्ख दिवस है आज।
रखना प्यारे दोस्त के, सिर मूर्खों का ताज।। ३
चाँकलेट रेपर भरी, साबुन – टिकिया, धूल।
मुहँ में रखते ही कहे, हा हा अप्रैल फूल।। ४
करो बेवकूफी अगर, होना नहीं उदास।
दिन ये हँसी मजाक का, होता सबसे खास।। ५
मुर्ख दिवस पर तो सभी, बने हुए चालाक।
सोच रहें है किस तरह, मस्ती करें मजाक।। ६
मुर्ख बनाये कोई अगर, होना मत नाराज।
दोस्त कभी आते नहीं, इस आदत से बाज।। ७
दोस्त शरारत तो करे , करे नहीं नाराज।
दोस्त बिना होता नहीं, मूर्ख दिवस पर नाज।। ८
मस्ती मजाक हो मगर, इतना रखना ध्यान।
मूर्ख भरी व्यवहार से, करें नहीं नुकसान।। ९
कलम शरारत की चले, लिख दे हर अहसास ।
डुबो हँसी की स्याह में, रंग दे कैनवास।। १०
आज बनाये हम सभी, इक दूजे को मूर्ख।
हँसते-हँसते आज हो, गाल-गुलाबी सूर्ख।। ११
? ? ? ? —लक्ष्मी सिंह ? ☺