उल्टा पुल्टा
सब कुछ उल्टा पुल्टा लागे , यही तो प्यारे है संसार
मैं भी काट रहा दिन अपने , तू भी अपना वक़्त गुज़ार
सिद्धनगर की संतपुरी में ,भक्तजनों की भीड़ अपार
सबके तारन हार खेवैया , अबके नैया सबकी पार
मान मनौती पूज पुजौती ख़ूब किया आदर सत्कार
फिर भी चली गई कुलदेवी तोड़ ताड़ के घर दीवार
दुनिया भर की खबरें देखो ख़बरनवीसों की भरमार
सबके मुंह हैं टीवी चैनल सबकी आंखें हैं अख़बार
किस से दर्द कहूं मैं अपना कहीं नहीं इसका उपचार
लाखों चोटें खाईं लेकिन सबसे घंणी प्रेम की मार
… शिवकुमार बिलगरामी