मूक संवेदना🙏
मूक संवेदना रूह की वाणी🙏
☘️🍀🍀🌹🌹🍀☘️
क्षिति जल पावक गगनसमीरा
पंचतत्व रचि अधम शरीरा
इंद्रिय मानसिक जागरूकता
अनुभूति महसूस भाव गणिता
भावना वेदना अनुभव प्रकृता
स्पर्श स्वाद गंध श्रवण दृश्यता
आंतरिक भाव भंगिमा बहुरुपा
दुःख पर दुःखी संवेदी बहुअंगा
निज दुःख गृषम रज करिजाना
दूजे का दुःख रज मेरू समाना
असीम अथाह वेदना उत्पन्ना
हर्षविषाद नरम गरम शीतलता
इंद्रिय ज्ञान परख तन बहुरूपा
भावनाहीन समभाव विविधा
मूक रूह वाणी वेदना अनुरूपा
मन कर्म वचन उत्पन स्वरूपा
करुणा दया धर्म-कर्म आस्था
प्रीता सब संवेदना अधिभूता
माता-पिता बहना और भाई
ममता समता रमता अधिकता
महसूस अनुभव मुक्ति युक्ति
शक्ति सुक्ति सोच विचार ज्ञान
संवेदना मूक रूह रुहानी वाणी
नवजात जीव स्पर्श गंध संवेदना
अनुभव पहचान है निज अपना
संवेदना पर भू संसार टिका है
संस्कार सत्कार चराचर जगत
कालचक्र संवेदनाअनुभव रूपा
संवेदनशील है जग जन मानस
संविधान संवेदना संरक्षक ज्ञानी
संवेदना आधारित जीवनशैली
दूजा ना कोई और हैरान पहेली l
🌹🥀🌹🙏🙏🙏🌹🌹🌹
तारकेशवर प्रसाद तरूण