मूक भाषा
मूक भाषा
अध्यापक कपिल तबादला होकर इस विद्यालय में आए। वाकिफकारी न होने के कारण मुख्याध्यापक व अन्य अध्यापक कपिल से घुले-मिले नहीं थे। इसलिए वह अपने आप को विद्यालय में उपेक्षित महसूस कर रहा था।
एक दिन औचक निरिक्षण करने खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय में आए। कपिल ने दोनों हाथ जोड़कर खंड शिक्षा अधिकारी का अभिवादन किया। ख. शि. अ. ने अभिवादन स्वीकार करके परिवार की राजि-खुशी की पूछी।
इसके उपरांत ख. शि. अ. कपिल के कंधे पर हाथ रख कर बतियाते हुए, एक ओर ले गया। कुछ समय बाद ख. शि. अ. निरिक्षण करके चला गया।
मुख्याध्यापक व अन्य अध्यापक ख. शि. अ. की मूक भाषा समझ गए। अब कपिल अलग-थलग नहीं केंद्रीय भूमिका में रहने लगा।
-विनोद सिल्ला