अभिमान करे काया का , काया काँच समान।
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
*आदमी में जानवर में, फर्क होना चाहिए (हिंदी गजल)*
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
Gratitude Fills My Heart Each Day!
ग़ज़ल _ नसीबों से उलझता ही रहा हूँ मैं ,,
"हर बाप ऐसा ही होता है" -कविता रचना
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं