सारे गिले-शिकवे भुलाकर...
मैं खोया था जिसकी यादों में,
Men are just like books. Many will judge the cover some will
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
देवी स्तुति द्वितीय अंक * 2*
💐प्रेम कौतुक-561💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
करतलमें अनुबंध है,भटक गए संबंध।
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
रिश्ते प्यार के
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा।
*लो कर में नवनीत (हास्य कुंडलिया)*
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,