■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
मोर
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
*शुभ विवाह की मंगल-ध्वनि से, विहॅंस रहा संसार है (गीत)*
मर्ज ए इश्क़ ( इश्क़ -ए हक़ीक़ी पर आधारित )
ऊचां गिरि गढ़ माळियां, वीरता रा प्रमाण।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
दूसरो की लाइफ मैं मत घुसा करो अपनी भी लाइफ को रोमांचक होगी।
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
आजा कान्हा मैं कब से पुकारूँ तुझे।
How do you want to be loved?
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '