Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2024 · 1 min read

मु

मु
क्त

1 Like · 32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अजनबी !!!
अजनबी !!!
Shaily
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Sometimes a thought comes
Sometimes a thought comes
Bidyadhar Mantry
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
if two souls are destined to meet, the universe will always
if two souls are destined to meet, the universe will always
पूर्वार्थ
याद आती हैं मां
याद आती हैं मां
Neeraj Agarwal
ਦੁਸ਼ਮਣ
ਦੁਸ਼ਮਣ
Otteri Selvakumar
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
Buddha Prakash
" समाहित "
Dr. Kishan tandon kranti
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*दुख का दरिया भी पार न होता*
*दुख का दरिया भी पार न होता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
शेखर सिंह
रो रही है मॉं
रो रही है मॉं
SATPAL CHAUHAN
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
Rajesh Kumar Arjun
मुक्तक - जिन्दगी
मुक्तक - जिन्दगी
sushil sarna
नहीं-नहीं प्रिये
नहीं-नहीं प्रिये
Pratibha Pandey
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
Ranjeet kumar patre
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
दीपक झा रुद्रा
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
Ravi Prakash
माँ तुम्हारे रूप से
माँ तुम्हारे रूप से
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
Sonam Puneet Dubey
जीवन जिज्ञासा
जीवन जिज्ञासा
Saraswati Bajpai
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
...
...
*प्रणय प्रभात*
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
DrLakshman Jha Parimal
ख़्वाब सजाना नहीं है।
ख़्वाब सजाना नहीं है।
अनिल "आदर्श"
विचलित लोग
विचलित लोग
Mahender Singh
Loading...