मुक़द्दर
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की राधा कृष्ण की परछाई थीं और मीरा के लिए कृष्ण सर्वस्व थे मगर सही कहा है कहने वाले ने मिलेगा वही जो मुक़द्दर में होगा ,देखिये मोहब्बत रंग लाई रुक्मणि की …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ईश्वर सही कहते हैं की तू करता वही है जो तू चाहता है मगर होता वही है जो मैं चाहता हूँ ,तू कर वही जो मैं चाहता हूँ और फिर होगा वही जो तू चाहता है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ये नाते -रिश्तेदार -अपने -समाज -भीड़ जब सांसें चल रहीं होती हैं तो अक्सर इंसान को तन्हा कर देते हैं ,और जैसे ही सासें थमीं सब के सब उसे घेर लेते हैं ,बातें करना चाहते हैं …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की कई बार जिंदगी की सवारियों से भरी गाडी में से कोई एक सवारी /यात्री उतर जाता है और उस पर मरना तो ये है की उस एक सवारी के उतरते ही आप /हम भरी भीड़ में भी अकेले हो जाते हैं …केवल उसका अक्स और यादें …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान