Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2019 · 1 min read

मुक़द्दर

:- ग़ज़ल

गुज़ार दी हमने उमर तन्हा
इश्क़ उधर तो मैं इधर तन्हा

मुक्कदर में वो हमसफर न था
रात में रह गये अधर तन्हा

तुमसे जिन्दगी खुशगवार थी
तुम गये हुई महफिले तन्हा

छा गया हुस्न का असर हमपे
भीड़ में भी लगा शहर तन्हा

दौर ए गर्दिश में लड़खड़ा कर
तय किया जिस्म ने सफर तन्हा

पी जाते कब का ज़हर ‘साहिल’
जीवन में होते अगर तन्हा

✍️सूर्य करण सोनी
12/2/19

285 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
SHAMA PARVEEN
सदाचार है नहिं फलदायक
सदाचार है नहिं फलदायक
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
बेवफाई से मिली तन्हाई
बेवफाई से मिली तन्हाई
Krishna Manshi
गीत प्यार के ही गाता रहूं ।
गीत प्यार के ही गाता रहूं ।
Rajesh vyas
योग दिवस
योग दिवस
Rambali Mishra
ज़िंदगी है,
ज़िंदगी है,
पूर्वार्थ
Bye December
Bye December
Deepali Kalra
क्या मजहब के इशारे का
क्या मजहब के इशारे का
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
मसान.....
मसान.....
Manisha Manjari
राम भजन
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
दीवाना दिल
दीवाना दिल
Dipak Kumar "Girja"
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
Ajit Kumar "Karn"
होता क्या है
होता क्या है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
समझाओ उतना समझे जो जितना
समझाओ उतना समझे जो जितना
Sonam Puneet Dubey
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"शीशा और रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
भय -भाग-1
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
तुझे भूले कैसे।
तुझे भूले कैसे।
Taj Mohammad
मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना
मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना
Monika Arora
रिश्ता चाहे जो भी हो,
रिश्ता चाहे जो भी हो,
शेखर सिंह
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
Jitendra Chhonkar
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
Dr Archana Gupta
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
Shashi kala vyas
क्षणिका
क्षणिका
Vibha Jain
4769.*पूर्णिका*
4769.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरि हृदय को हरा करें,
हरि हृदय को हरा करें,
sushil sarna
अदा
अदा
singh kunwar sarvendra vikram
मां से याचना
मां से याचना
अनिल कुमार निश्छल
Loading...