मुह जबानी
मेरी साँस में मेरी एहसास में तुम हो ।
मेरी आस में मेरी पास में तुम हो ।
कहने जताने वाले कोई और होते हैं ।
महसूस करो दिल के आसपास तुम हो ।
सुबह की ताजगी, शाम सी सुहानी हो।
मेरी कविता मेरी कहानी हो,
एहसास तो करो मेरे प्रेम को।
लिखने रटने की जरूरत नहीं,
मेरे दिल में समाई याद मुंह जबानी हो।