Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2017 · 1 min read

मुहब्बत

जागती आँखों में ख्वाब सजाते हैं
मुहब्बत करने वाले गज़ब ढाते हैं

Language: Hindi
Tag: शेर
218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
हर मसाइल का हल
हर मसाइल का हल
Dr fauzia Naseem shad
बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पिता की आंखें
पिता की आंखें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
संस्कार संयुक्त परिवार के
संस्कार संयुक्त परिवार के
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्रात काल की शुद्ध हवा
प्रात काल की शुद्ध हवा
लक्ष्मी सिंह
"Strength is not only measured by the weight you can lift, b
Manisha Manjari
कोई आयत सुनाओ सब्र की क़ुरान से,
कोई आयत सुनाओ सब्र की क़ुरान से,
Vishal babu (vishu)
अब ना होली रंगीन होती है...
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
कृष्णकांत गुर्जर
जो चाहो यदि वह मिले,
जो चाहो यदि वह मिले,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
Priya princess panwar
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-209💐
💐प्रेम कौतुक-209💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
AmanTv Editor In Chief
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Santosh Shrivastava
International Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
हो देवों के देव तुम, नहीं आदि-अवसान।
हो देवों के देव तुम, नहीं आदि-अवसान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
"ईमानदारी"
Dr. Kishan tandon kranti
जन्म मरण न जीवन है।
जन्म मरण न जीवन है।
Rj Anand Prajapati
कह न पाई सारी रात सोचती रही
कह न पाई सारी रात सोचती रही
Ram Krishan Rastogi
सारा रा रा
सारा रा रा
Sanjay ' शून्य'
*दावत : आठ दोहे*
*दावत : आठ दोहे*
Ravi Prakash
केवट का भाग्य
केवट का भाग्य
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
कर्म रूपी मूल में श्रम रूपी जल व दान रूपी खाद डालने से जीवन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
धीरे धीरे  निकल  रहे  हो तुम दिल से.....
धीरे धीरे निकल रहे हो तुम दिल से.....
Rakesh Singh
Loading...