मुहब्बत
1.
मुहब्बत में महबूब पे मर जाना ही इश्क है
जिस को ये रोग हो मौत को कबूल करे!
~ सिद्धार्थ
2.
उसकी याद और तनहाई का घर है दिल
अक्ल को किरायेदार रखता नहीं है दिल
~ सिद्धार्थ
मैं क्यूं करूं सवाल कि क्यूं तुम सोए नहीं हो यार
चांद के सीने पे पलकों से लिखना बचा था अभी प्यार !
~ सिद्धार्थ