मुहब्बत है ये कोई साज़ नही
?जज़्बात जज़्बात जज़्बात है आवाज़ नहीं
अल्फ़ाज अल्फ़ाज अल्फ़ाज है परवाज़ नहीं
शुकुं मिलता है कब जहां में दिल-ए-नादान को
मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत है ये कोई साज़ नही ।।
मधुप बैरागी
?जज़्बात जज़्बात जज़्बात है आवाज़ नहीं
अल्फ़ाज अल्फ़ाज अल्फ़ाज है परवाज़ नहीं
शुकुं मिलता है कब जहां में दिल-ए-नादान को
मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत है ये कोई साज़ नही ।।
मधुप बैरागी