[[ मुहब्बत में सनम बातेँ फ़क़त दो चार हो जाये ]]
#मुक्तक
मुहब्बत में सनम बातेँ फ़क़त दो चार हो जाये
निहारु तुझ को जी भर अगर अधिकार हो जाये
कमल से होंठ नाज़ुक है कली हो तुम बहारों की
अग़र जो देख ले कोई वही दिलदार हो जाये
#नितिन_शर्मा
#मुक्तक
मुहब्बत में सनम बातेँ फ़क़त दो चार हो जाये
निहारु तुझ को जी भर अगर अधिकार हो जाये
कमल से होंठ नाज़ुक है कली हो तुम बहारों की
अग़र जो देख ले कोई वही दिलदार हो जाये
#नितिन_शर्मा